स्वामी विवेकानंदजी का मानना था कि युवा देश के आधार स्तंभ होते है। यह 100% सच है। लेकिन हमारे आज के युवा गलत रास्ते पर चल रहे है। देश की उन्नति के लिए कुछ महान काम करने के बजाय, Musically, Tik-Tok, Vigo, Like जैसे फालतू Apps में अपना समय को बर्बाद कर रहे है। अपने वैज्ञानिक अनुसंधान से देश की समस्याओं को सोलुशन दूंडने के बजाय, खुद ही समस्या बन चुके है। काम करने बजाय फेसबुक पोलिटिकल डिबेट में पड़े है। और कुछ नव जवान YouTube में बेकार की अंडर रेटेड कॉमेडी वीडियो देखने में खो गए है। नव जवानों के लिए स्वामी विवेकानंद के आलावा बड़ी आदर्श पुरुष और कोई नहीं हो सकता। स्वामी विवेकानंदजी मेरे लिए भी रोल मॉडल है। इसलिए मैं उनके सिंह वाणी को as it is लिख रहा हूँ। ईसको पड़कर आप मोटीवेट हो गए तो बस मेरे लिए बड़ी ख़ुशी की बात है।
स्वामी विवेकानंद के मोटिवेशनल कोट्स – Swami Vivekananda Quotes in Hindi
1) जिसको खुद पर विश्वास नहीं है ना वो नास्तिक है। पुराने धर्मों ने कहा है कि “जिसको ईश्वर पर विश्वास नहीं है, वो नास्तिक है।” नया धर्म कहता है की जिसको खुद पर विश्वास नहीं है ना वो नास्तिक है।
2) आप जैसे सोचते हो ना वैसे ही बनते हो। यदि आप खुद को संत मान गए तो कल आप संत ही बनोगे।
3) बचपन से ही बच्चो को शक्तिशाली बनाओ। उन्हें कमजोरी या मूर्ख आचार को न सिखाएं। उन्हें मजबूत बनाओ।
4) शक्तिशाली बनो। तब आप सब कुछ पूरी तरह से हासिल कर सकेंगे।
5) सारी शक्ति आप में ही है; आप कुछ भी कर सकते हैं और सब कुछ कर सकते हैं।
6) आपको सफलता पाने के लिए एक दृढ़ संकल्प करना होगा और एक बड़ी इच्छा रखनी होगी। कोशिश करनेवाला कहता हैं कि मैं समुद्र का पूरा पानी पीऊंगा। उसके दृढ़ संकल्प के आगे बड़े बड़े पहाड़ भी टुकड़ा टुकड़ा हो जायेंगे। तुम भी ऐसी ताकत, मजबूत ह्रदय को प्राप्त करें। कड़ी मेहनत करें, आप सफल होना निश्चित हैं।
7) स्वार्थ ही अधर्म है और नी:स्वार्थ ही धर्म है। ज्यादा नी:स्वार्थ होनेवाला व्यक्ति शिव को अधिक निकट होता है। जीवन सेवा ही शिवजी की सेवा है।
8) स्वार्थ सभी में रहनेवाला प्रत्यक्ष दानव है। हर प्रकार का स्वार्थ शैतान है।
9) मदद करने के बाद बदले में कुछ भी चाहो मत। आप कितना देते हो ना उतना आपको मिलता है।
10) विकास ही जीवन है। संकोच ही मरण है। प्यार सब जीवन ; स्वार्थ सब मरण है। इसलिए प्यार जीवन का धर्म है।
11) केवल प्यार और सहानुभूति के माध्यम से अच्छे फल मिलते है। दूसरों की सेवा के लिए सब कुछ छोड़नेवाला ही मुक्ति का हकदार है।
12) बुद्धि महान है। लेकिन इसका कार्यव्याप्ती सीमित है। प्रेरणा दिल से आती है। इसलिए दिल प्रेरणा का स्रोत है।
13) वत्स प्रेम को हार नहीं है। आज, कल या युगांत में सच जरूर जीतेगा। प्यार जरूर जीतेगा।
14) जीवन छोटा है और सांसारिक चीजें सब क्षणिक हैं। लेकिन जो दूसरों के लिए जीता है वो वास्तव में रहता है। बाकी सब जिन्दा लाशे है।
15) उठो और काम करो। यह जीवन कब तक है? जब आप इस दुनिया में पहुँचते हैं, तो निशान छोड़ के चले। नहीं तो आपके और पेड़ पत्थरों में क्या अन्तर रहेगा ? वो अस्तित्व में आते और बाद में नष्ट हो जाते है।
16) परोपकार के लिए अपने जीवन को सीमित रखें। यदि आप त्याग जीवन को चुनते हैं, तो सौंदर्य, धन या सत्ता के तरप न देखें।
17) महान बलिदान के माध्यम से ही महान कार्य संभव होता है।
18) आदर्श से भरा हुआ व्यक्ति एक हजार गलतियां करता है, तो आदर्शहिन् व्यक्ति पचास हजार गलतियां करता है। इसलिए आदर्शों को रखना अच्छा है।
19) हमारे देश को पुरुष सिंहों की जरूरत है। पुरुष सिंह बनो। चट्टान की तरह स्थिर रहें। सत्य की हमेशा जीत होती है।
20) सबसे अच्छा इंसान वो होता है जो अपना दिल की खून से दूसरों के लिए रास्ता बनाता है।
21) संघर्ष से बचने का रास्ता दिखानेवाला आदमी ही मनुकुल का दोस्त है।
22) अपने विशेषाधिकार, अपनी खुशी, अपना नाम, अपनी स्थिति, साथ ही अपने जीवन का बलिदान करके एक मानव सेतु का निर्माण करें। इससे शायद लाखों लोग जीवन का जलप्रपात को पार कर सके।
23) जीवन एक कठिन सत्य है। बहादुरी से इसका सामना करें। अपने रास्ते पर जारी रखें। यह असुविधाजनक हो सकता है। लेकिन आत्मा इससे ज्यादा मजबूत है।
24) यह दुनिया एक विशाल व्यायामशाला है। यहां हम सब मजबूत होने के लिए आए हैं।
25) आप खुद को जीत गए तो सारा संसार तुम्हारा होगा।
26) याद रखें कि केवल कायर और कमजोर लोग ही पाप करते हैं और झूठ बोलते हैं। साहसी लोग हमेशा धर्मी होते हैं। साहसी, धर्मी और दयावान बनें।
27) सच के लिए सब कुछ समर्पित किया जा सकता है। लेकिन किसी और चीज के लिए हम सच को समर्पित नहीं कर सकते है।
28) सत्यनिष्ठा, पवित्रता और निस्वार्थता, ये तीनों जिसमें है उसे इस दुनिया में किसी भी शक्ति दबा नहीं सकती हैं। ये तीनों से सम्पन्न होनेवाला आदमी पूरी दुनिया के विरोध का सामना कर सकता है।
29) शुद्ध चरित्र ही कठीन समस्यावों की किले को पार करने का एक मात्र साधन है।
30) साधू स्वभाव में, शुद्धता में ताकत होती है। इसलिए पहले शुद्ध चरित्र को पैदा करें। यह आपका सर्वोच्च कर्तव्य में से एक है।
31) मन को मजबूत और अनुशासित बनाने में ज्ञान का मूल्य है।
32) उच्च विचारों से, उच्चतम आदर्शों से अपने मस्तिष्क को भरें। उन्हें दिन-रात अपने सामने रखें। इससे महान कार्य संभव होता है।
33) अपने कर्तव्यों को पूरा करके अपने शुद्ध चरित्र को बढ़ाइए। कर्तव्य करने से हम कर्तव्य भार से बच जाएंगे।
34) हमेशा अच्छा काम करें। लगातार अच्छा विचार करें। बुरे संस्कारों को दबाने का यही एकमात्र तरीका है।
35) प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करके एक जीवी विकसित होना ही जीवन है।
36) हम परिस्तितियों को बेहतर नहीं बना सकते है। लेकिन उनको बदलने से हम बेहतर बन सकते है।
37) प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक राष्ट्र को सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए तीन चीजों की आवश्यकता होती है।
1) अच्छाई की शक्ति में विश्वास रखना।
2) ईर्ष्या और अविश्वास के बिना रहना।
3) अच्छा बनने के लिए, अच्छा करने के लिए जो लोग कोशिश कर रहे हैं उनकी मदद करना।
38) अगर हम खुद को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, तो दुनिया की कोई भी ताकत हमें नुकसान नहीं पहुंचा सकती है।
39) हमारे दर्दों के लिए हम खुद जिम्मेदार है, और कोई नहीं। हमारे भाग्य को हम खुद बना सकते है।
40) अपनी गलती के लिए दूसरों को दोष न दें। अपनी जिम्मेदारियों को खुद उठा ले।
41) आपकी निंदा करनेवाले लोगों को आशीर्वाद दीजिए। इस बारे में सोचें कि वो आपके अहंकार को दूर करने में कितना मदद कर रहे हैं।
42) खुद के लिए कुछ भी चाहो मत। दूसरों के लिए सब कुछ करें। तब भगवान आपका खयाल रखता है।
43) किसी की मदद के लिए इंतजार न करें। क्या ईश्वर का अनंत रूप सभी मानवीय मदद से अधिक नहीं है?
44) कुछ भी चाहो मत। हमें चोट पहुँचानेवाले सभी दर्दों के लिए आपके चाहते कारण होते है।
45) दूसरों की योजनाओं पर पानी मत डालिए। दूसरों की निंदा करना छोड़ दीजिए। छिपके से दूसरों की निंदा करना महान अपराध है।
46) हो सके तो मदद करें। यदि नहीं हो सकता है तो चुपचाप देखते रहिए। इसे छोडके दर्द पहुँचाने की कोशिश न करें।
47) यदि आप नफ़रत और ईर्ष्या का उत्सर्जन करते हैं, तो वो चक्रवृद्धि ब्याज के साथ आपके पास लौट आएंगे। कोई भी शक्ति इसे रोक नहीं सकती है। एक बार जब आप उन्हें स्थानांतरित करते हैं तो आपको इसके परिणामों को महसूस करना ही होगा। यदि आप इसे याद रखते हैं, तो आप बुरे कामों से बच सकते हैं।
48) ईर्ष्या सभी गुलामों की हानिकारक स्वभाव है। यह हमारे देश का सबसे बड़ा प्लेग है। हमेशा इसे हटा दें।
49) पीछे मुड़कर न देखें। हमेशा आगे बढ़ते रहें। असीम शक्ति, अनंत जुनून, अनंत साहस और अनंत धैर्य है तो ही महान कार्य किया जा सकता है।
50) खुशी दुःख की मुकुट पहनकर आदमी के सामने खड़ा होती है। अगर आपको खुशी चाहिए तो आपको दुःख को चुनना होगा।
51) व्यक्तिगत रूप से किसी से प्यार करना बंधन है। सभी को समान रूप से प्यार करें। तब सारी इच्छाएं खत्म हो जाती हैं।
52) महान मूर्ख भी अपने हृदय को स्वीकार करने जैसा काम करता है। लेकिन जो आदमी किसी भी काम को अपने पसंद की तरह बदलता है ना वो ही बुद्धिमान है।
53) पहले नौकर बनना सीखो। फिर मालिक बनने की पात्रता अपने आप आ जाएगी।
54) एक आसान काम को अच्छी तरह से करने से एक शानदार प्रतिफल मिलता है।
55) पूरी दुनिया जनशक्ति और उत्साह की तीव्रता से ही बनी है।
56) अगर आप शारीरिक और मानसिक रूप से पवित्र नहीं है, तो मंदिर जाने से और भगवान की पूजा करने से कोई लाभ नहीं मिलेगा।
57) बिना डर से रहो। आप अद्भुत काम करोगे। दुनिया की सब दुःखों को डर ही सबसे बड़ा कारण है।
58) त्याग और सेवा हमारे राष्ट्रीय आदर्श हैं। यदि देश इन दो आदर्शों में संलग्न है, तो सब अपने आप ही सही होगा।
59) एक विधवा की आंसुओं को रोकने में और एक अनाथ को अन्न देने में नाकाम होनेवाला धर्म में या देवता में मैं विश्वास नहीं करता।
60) ऐसे काम करो की सारा काम आपके ऊपर ही गिरी है।
61) मेरे प्यारे बेटों, तुम सब एक महान काम करने के लिए पैदा हुए हो। कुत्ते लोमड़ियों के भोंकने से विचलित मत हो। वज्र की गर्जना भी आपको नहीं डरा सकती है। खड़े हो और काम पे लग जाओ।
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