प्यार को आँखे नहीं है” ये बात कई दिनों से हमारे मस्तिष्क में घुस चूका है। पुराने समय में, लोग चेहरे को न देखकर केवल प्रेम नहीं शादी भी करते थे। लेकिन अब समय बहुत आगे जा चूका है। समय की गति के अनुसार सब लोग इतना बदल चुके है की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। हर कोई अब सुन्दर चेहरा और सेक्सी शरीर को देखकर ही प्यार करने लगता है। लेकिन खुद को सच्चा साबित करने के लिए कहता रहता है की “मैं तुम्हारा दिल देखकर प्यार किया है ; सुंदर चेहरे को देखकर नहीं। लड़के सुंदरता की तलाश करते है तो लड़कियां संपत्ति के तलाश करती है। यह एक काला सच है। इसमें कोई गलती नहीं है।
एक बूढ़े सरकारी कर्मचारी को सुंदर सी लड़की देकर उसके घरवाले बड़ी गर्व से शादी करके देते है। लेकिन उस लड़की को पसंद आनेवाला एक ग़रीब सुंदर लडके के साथ उसकी शादी होने के लिए उसके घरवाले बिलकुल भी नहीं छोड़ेंगे। सुंदरता और संपत्ति की बाजीगरी खेल को समझने के लिए यह एक उदाहरण पर्याप्त है। प्राचीन समय में, बिना चहरे देखे हजारों पत्र लिखके प्रेम करते थे। लेकिन आज फेसबुक में chatting करके भाग जागे दो दिन में सड़क पर आ रहे है। लगता है की समझे में न आनेवाली व्यर्थ मुद्दों पर अनावश्यक रूप से लिखने की आवश्यकता नहीं है। मेरा कहना है की “प्यार को आँखे नहीं होती है, लेकिन प्यार अंधा नहीं होता है। प्रेमी दुनिया को देखता है, तो खुद प्रेम दुनिया को देखता है। इसलिए प्यार अंधा नहीं होता।
जो लोग प्यार को धोखा दिए थे उन्होंने
कहा की “यह प्यार एक महान अंधा है। ”
जो लोग प्यार को पाने में नाकाम थे उन्होंने
कहा की “प्यार में पड़ा तो जिंदगी बर्बाद होता है। “
दिल टूटा हुआ प्रेमीयों ने पूछा की
जब रोमियो-जूलियट मर रहे थे,
जब लैला मजनु दुनिया को छोड़ रहे थे,
जब पारु के लिए देवदास पागल हो रहा था
तब इस अँधा प्रेम ने अपनी आँखे क्यों न खोली?
नए प्रेमियों ने पूछा की
“क्या यह प्यार एक मायाजाल है?”
तब भग्न प्रेमियों ने उनको डराया की
“अगर आप प्यार को अपना दिल देते है तो
आपको जीने की मोका नहीं है। “
प्यार मिला तो प्यार सब कुछ है।
प्यार नहीं है तो दुनिया ही नहीं है।
प्यार को आँखे नहीं है,
लेकिन प्यार अंधा नहीं है।
प्रेमियों सुनो मेरा कहना झूठ नहीं है।
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