एक बार चप्पल टूट गया तो हम इसे सिलाकर फिरसे पहन सकते है। वही चप्पल दूसरी बार टूट गया तो हम इसे फिरसे सिलाकर पहन सकते है। लेकिन वो बार बार टूटने लगा तो हम परेशान होकर उसे फ़ेंक देते है ना? उसी तरह हम रिश्तों के मामले में करते है।
हमारे रिश्ते भी चप्पल की तरह होते हैं। यह सुनने के बाद, उनके बारे में नकारात्मक मत सोचो। उनको निचे दिखाने की कोशीश मत करों। चप्पल को भी अपना एक बड़ा मूल्य है। स्मरण करो कि रामायण में, भरत ने सिंहासन पर राम के चप्पलों को रखकर राज्यभार किया था। यह मत भूलिए कि, महाभारत में दुर्योधन ने कर्ण की चप्पलों की पूजा करके अपना पाप खो दिया था। चप्पल का भी महत्व है। यदि आप चप्पलों के महत्व को जानना चाहते हैं, तो उन्हें पहने बिना नंगे पैर चलें। बाद में आपको के चप्पलों के महत्व का एहसास हो जाता है।आप बिना चप्पल के नहीं चल सकते। ऐसे ही हम रिश्तों के बिना आगे नहीं बढ़ सकते।
हमारी दोस्ती और प्यार के रिश्ते भी एक तरह की चप्पल हैं। कई बार जब दोस्ती में गलतफहमी आ जाती है, तो हम औपचारिकता के लिए क्षमा चाहते हैं और हम उस दोस्ती से दूर हो जाते हैं। लेकिन जब प्यार में समस्या आती है, तो कोई भी इससे दूर नहीं जा सकता है जैसा कि हम दोस्ती के मामले में करते हैं। क्योंकि प्रेम कोई साधारण चप्पल नहीं है। प्यार एक सुनहरी चप्पल है।
प्यार नाम का सुनहरी चप्पल को हम बार-बार सिला नहीं सकते। हममें इतनी हिम्मत भी नहीं है कि इसे दोस्ती की तरह जल्दी छोड़ सके। प्रेम नाम का सुनहरी चप्पल टूटने ने के बाद उसे सिलने के लिए बड़ा प्रयास करते है। हम अपने आत्मसम्मान को एक तरफ रखते हुए इसे सही करने की लगातार कोशिश करते हैं। हम अपने प्रियजनों को मनाने के लिए हजार बार माफ़ी मांगते है। हम उनके लिए रोते हैं। लेकिन हम उस रिश्ते को फेंकने की हिम्मत नहीं करते है। क्योंकि प्रेम दोस्ती की तरह कोई साधारण चप्पल नहीं है। प्रेम एक सुनहरी चप्पल है।
जब भी दोस्ती टूटती है, तो ज्यादातर लोगों के पास इसे ठीक करने के लिए समय और मन नहीं होता है। अधिकांश लोग इसे सही करने के लिए रुचि नहीं दिखाते हैं। लेकिन जब प्यार टूटता है, तो हर कोई बेशर्मी से माफी मांगकर इसे सही करना शुरू कर देता है और वो अपने सभी कामों को छोड़कर अपने प्यार को मनाने की कोशिश करता हैं। प्यार सोना है, लेकिन दोस्ती हीरा है। ज्यादातर लोगों को पता नहीं है कि हीरे की कीमत सोने से ज्यादा है। दोस्ती को एक सामान्य चप्पल समझकर इसे उपेक्षा मत कीजिए। प्यार को सुनहरी चप्पल मानकर इसे अधिक महत्व न दें। एक बात याद रखें कि हम चप्पल को पैर में ही पहनते हैं, भले ही वो सोने से क्यों ना बना हो। यह आपको तय करना है की क्या आप टूटे हुए प्यार साथ रोना चाहते हैं या दोस्ती के साथ अपने जीवन का आनंद लेना चाहते हैं।
अगर आपको लगता है कि यह राय आपके लिए गलत है, तो मैं आपको दिल से माफ़ी मांगता हूँ। अगर आपको इस आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे like और share कीजिए। हर रोज इसी तरह के मोटिवेशनल आर्टिकल्स, प्रेम कहानी और कविताओं को फ्री में पड़ने के लिए फेसबुक, Twitter, इंस्टाग्राम और YouTube पर मुझे फॉलो कीजिए। (Search as Director Satishkumar and Roaring Creations)
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