मैं महाराष्ट्र के सांगली जिले में हमारी कंपनी के Roaring India टूरिसम प्रोजेक्ट के लिए शूटिंग कर रहा था। तभी मैंने कवठे महांकाळ – तासगांव राजमार्ग के बगल में एक अजीब पत्थर की भूलभुलैया को देखा। मुझे उत्सुकता हुई और मैंने सड़क के किनारे कार रोका और उसे देखने चला गया। जब मैंने इसे पहली बार देखा तो मैं भी आश्चर्यचकित रह गया। मुझे पता नहीं चला कि यह है क्या। क्या है पत्थरों की इस भूलभुलैया का रहस्य? मैं चिंतित था। अंततः मैंने स्थानीय लोगों से पूछा, तब मुझे पता चला कि यह कुलवंतिनी की भूलभुलैया है।
लगभग 200 – 300 वर्ष पूर्व कुलवंतिनी नामक एक नर्तकी थी। उसे कलावंतिनी भी कहा जाता था। वह अपनी कला की आराधना करती थी और नृत्य से प्यार करती थी। उसे पैसे, गहने, पुरस्कार और प्रतिष्ठा की कोई मोह नहीं था। कुलवंतिनी बहुत सुन्दर थी। वह इतनी सुंदरता से भरी थी कि सारे पुरुष उसके दीवाने हो जाते थे और लड़कियाँ उसकी सुंदरता से जलती थीं।
कुलवंतिनी गांव-गांव घूमकर अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन करती थी और उससे मिलने वाले पैसे से अपनी जीविका चलाती थी। उस समय के लोगों के पास मोबाइल, इंटरनेट, सिनेमा, टीवी, व्हाट्सएप, यूट्यूब जैसी कोई मनोरंजन सुविधा नहीं थी। इसलिए नृत्य प्रदशन देखने के लिए लोग मेले की तरह उमड़ पड़ते थे। कुलवंतिनी का नृत्य देखने के लिए हजारों लोग एकत्रित होते थे। उसके नृत्य के साथसाथ उसकी खूबसूरती की चर्चा चारों दिशाओं में फैली थी।
कुलवंतिनी की सुंदरता की प्रशंसा एक राजा के कानों तक भी पहुंची। फिर वह उसे अपने महल में नृत्य प्रदर्शन के लिए आमंत्रित करता है। राजा के निमंत्रण पर कुलवंतिनी महल में आती है और अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन करती है। सभी लोग उसकी नृत्य कला की तारीफ करते हैं। लेकिन वह राजा कुलवंतिनी की सुंदरता पर मोहित हो जाता है। वह उसकी सुंदरता से पागल हो जाता है। युवावस्था की अविवाहित लड़की कुलवंतिनी सौन्दर्य से परिपूर्ण थी। उसके उड़ते हुए बाल, लंबा कद, लंबी नाक, कटोरी जैसी आंखें, मासूम चेहरा, लटकती कमर, लाल होंठों पर प्यारी मुस्कान, मक्खन जैसी कोमलता, दूध जैसा शरीर का रंग, आधी बंद छाती देखकर राजा का दिमाग नियंत्रण से बाहर हो जाता है। राजा उससे विवाह करने के लिए निवेदन करता है। लेकिन कुलवंतिनी ने विनम्रतापूर्वक उसके शादी के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और चली गई।
राजा कुलवंतिनी की सुंदरता से पूरी तरह पगला जाता है। वह उसका पीछा करता है। वह उसकी रास्ता रोकता है और उससे शादी करने के लिए उसे प्रताड़ित करता है। तब कुलवंतिनी अपनी दिमाग लगाती है और वहां पड़े सभी छोटे मोठे पत्थरों को एक साथ रखकर एक भूलभुलैया बनाती है। फिर वह राजा से शर्त रखती है कि मैं तुझसे तभी शादी करुँगी जब तू मेरे द्वारा बनाया गया इस भूलभुलैया को भेदेगा। इस पत्थर के भूलभुलैया में एक तरफ से प्रवेश करके दूसरी तरफ से बाहर आना था। पीछे कदम रखना प्रतिबंधित था। राजा इस भूलभुलैया को भेदने की कोशिश करता है। लेकिन वह असफल हो जाता है। लेकिन वह हार नहीं मानता।
कुलवंतिनी की सुंदरता पर मोहित होकर राजा उसे पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है। राजा बार-बार कुलवंतिनी की भूलभुलैया को भेदने की कोशिश करता है। लेकिन वह हर बार असफल हो जाता है। अपनी हार से राजा गुस्सा हो जाता है। राजा का नियत ख़राब हो सकता है और वह मुझे बंधी बनाकर मुझसे जबरन शादी कर सकता है। वह मुझे उसके महल में कैद कर सकता है। इस डर की वजह से कुलवंतिनी वहां से चुपचाप निकलकर दूर भाग जाती है। राजा सैकड़ों बार उसकी भूलभुलैया को भेदने की कोशिश करता है और हारकर अपने महल को लौट आता है। वह अपने सैनिकों को कुलवंतिनी को ढूंढकर लाने का आदेश देता है। लेकिन वह कभी उसके हाथ नहीं मिलती है। कुलवंतिनी आगे कहां गई और आगे क्या हुआ किसी को पता नहीं है।
कुलवंतिनी ने एक स्वतंत्र और स्वाभिमानी जीवन के निर्माण के सपने में राजा के विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और अपने नाम के सम्मान को बचाया। कुलवंतिनी का अर्थ है कि अच्छे कुल और पवित्र चरित्र वाली लड़की। उसके द्वारा बनाई गई पत्थर की भूलभुलैया को अब कुलवंतिनी कोड्याच माळ के नाम से जाना जाता है। मराठी में कोड्याच माळ का मतलब भूलभुलैया होता है। यह योगेवाडी गांव के पास है जो तासागांव शहर से 18 किमी दूरी पर स्थित है। यदि आपने Ball in a Maze गेम को खेला है तो आप इसे भी आसानी से भेद सकते हैं। इसमें ऐसा कोई कठिनाई नहीं है। यह एक दंतकथा है। फिलहाल कोई भी इस पत्थर की भूलभुलैया को आसानी से भेद सकता है। ऐसी पत्थर की भूलभुलैया महाराष्ट्र के कई गांवों में देखी जा सकती है। ये तो बस मज़ा है। Its just a fun.
इस दंत कथा के साथ-साथ इस कुलवंतिनी चक्रव्यूह से कुछ झूठी कहानियाँ भी जुड़ी हुई हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इन पत्थरों के नीचे भारी मात्रा में खजाना है। ऐसा डर फैला हुआ है कि अगर कोई इस भूलभुलैया को तोड़े बिना बाहर आता है, तो उसका दुर्भाग्य शुरू होगा। ऐसी एक अफवाह भी है कि जो कोई भी इसे सफलतापूर्वक तोड़ देगा उसका सौभाग्य का द्वार खुलेगा और उसको सुंदर पत्नी मिलेगी। कुछ फर्जी बाबा लोग इसे अपने काला जादू प्रयोग का ठिकान बनाया है। और बुरे लड़कों के लिए यह जुए और शराब का अड्डा बन चूका है। कुछ और अंधभक्तों ने इन पत्थरों पर केसर लगाकर भगवान का धंधा को भी शुरू किया है। हालाँकि, कुलवंतिनी का भूलभुलैया एक दिलचस्प जगह है। आप यहां सिर्फ मनोरंजन के लिए जा सकते हैं। लेकिन अंधविश्वासों का या मिथकों का शिकार न बनें…
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