हाय दोस्तों, आजकल मोटिवेशन माफिया बहुत जोर से चल रहा है। बहुत सारे मोटिवेशनल स्पीकर्स ऑनलाइन मार्केट में आ चुके है। अब मोटिवेशनल स्पीकिंग सिर्फ एक धंदा नहीं माफिया बन चूका है। हर कोई अपने आप को एक मोटिवेशनल स्पीकर क्लेम कर रहा है।
आपको तो अब सुबह जल्दी उठने के लिए, रात को जल्दी सोने के लिए, मोटा बनने के लिए, छोटा बनने के लिए, स्टडी करने के लिए, ब्रेकअप के लिए, बिज़नेस करने के लिए, जॉब करने के लिए, यहाँ तक कि आपको जीने के लिए भी मोटिवेशन की जरुरत पड़ रही है। सब के लिए आपको मोटिवेशनल वीडियोस चाहिए। सही है ना? अगर आप मोटिवेशन को ऐसे ही अडिक्ट हो जाते है तो आपको साँस लेने के लिए भी मोटिवेशन की जरुरत पड़ सकती है। मोटिवेशनल वीडियोस देखने की स्थिति आ सकती है।
मुझे पता है, मैं समझ सकता हूँ कि आप लगातार पढ़ाई या फेलीवर या नापसंद की नौकरी और आसपास की परिस्थितियों के कारण मानसिक रूप से टूट जाते हो। तब तुम्हे जिंदगी में उठने के लिए मोटिवेशन की जरुरत पड़ती है। कोई बात नहीं अब मोटिवेशन लीजिये, ठीक है। लेकिन आप हर काम के लिए मोटिवेशन को क्यों ढूंढ रहे हो? मोटिवेशन एक मेडिसिन है, इसे सिर्फ मेडिसिन की तरह इस्तेमाल करो। इसे ड्रग की तरह इस्तेमाल मत करो। अगर आप हेल्दी होते हुए भी मेडिसिन खाते हो तो वह आपको पॉइज़न बनता है। वैसे ही मोटिवेशन आपको पॉइज़न बनती है।
आप हमेशा मोटिवेटेड नहीं रह सकते है। रहने की जरुरत भी नहीं है। अगर आप हमेशा Excited रहते है तो काम कैसे करोगे? इसलिए Excited स्टेट से सुपर नार्मल स्टेट को आएं और 100% फोकस एंड इंटरेस्ट के साथ अपने काम को करें। मोटिवेशन की ओवर डोज़ से बाहर निकलकर रियालिटी को समझकर Practically काम करें। सिर्फ सपने देखने से कुछ नहीं होता। सपनों को सच करने के लिए सहीं एक्शन्स लेना पड़ता है, कैलकुलेटेड रिस्क लेना पड़ता है। वो भी सही डायरेक्शन में।
हाल ही में इंटरनेट में बहुत Wrong इनफार्मेशन आ रहा है। कुछ लोग अपने फायदे के लिए दूसरों का नेगेटिव ब्रेन वाश कर रहे है। जो बंदा खुद की लाइफ में Unsuccessful है वो आपको सक्सेस टिप्स दे रहा है। जो बंदा खाली जेब के साथ घूम रहा है वो आपको “जल्दी अमीर कैसे बनें?” इसके बारे में यूट्यूब में लेक्चर दे रहा है। मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि उनको मत देखो, उनको मत सुनो। मैं सिर्फ इतना कह रहा हूँ कि मोटिवेशन की नशे में कुछ भी अपने ब्रेन में फीड मत करो। पहले नार्मल होकर सोचो, चीजों को टेस्ट एंड ट्राइल करों। फिर उन चीजों को अपने ब्रेन में फीड करों अगर वो आपको सच में जरुरी है तो। अपने दिमाग को डस्ट बिन मत बनाओ। मोटिवेशनल वीडियोस देखकर छोटी उंगली से बड़े पहाड़ को उठाने की मुर्ख साहस मत करों।
आज बहुत सारे स्टूडेंट्स मोटिवेशनल वीडियोस देखकर अपने स्टडीज को नेग्लेक्ट कर रहे है, कॉलेज ड्रॉपआउट कर रहे है। बहुत सारे लोग अपने जॉब को छोड़कर दूसरे जॉब के लिए गली-गली भटक रहे है। इसलिए मोटिवेशनल वीडियोस देखकर अपने कॉलेज ड्रॉपआउट करने से पहले ये देखो कि मार्क जुकरबर्ग, बिलगेट्स और स्टीव जॉब्स किन कॉलेजों से ड्रॉपआउट हुए है। वो सभी हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे कॉलेजों से ड्रॉपआउट हुए है। आपकी तरह आर्डिनरी कॉलेजों से नहीं। कॉलेज छोड़ना बहुत दूर की बात है, आप में से कई के पास हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे कॉलेजों को जॉइन होने की टैलेंट नहीं है। कॉलेज छोड़ने के बाद स्टार्टअप शुरू करने के लिए कोई बिजनेस मॉडल और बेसिक बजट नहीं है। फिर भी आप कॉलेज छोड़ रहे हो। अगर आपके पास कोई बिजनेस मॉडल और बेसिक बजट है तो कॉलेज ड्रापआउट करें। लेकिन आपके पास कुछ भी नहीं है, ईगो के आलावा। मोटिवेशनल वीडियोस देखकर कॉलेज ड्रॉपआउट करने से पहले, जॉब छोड़ने से पहले, जोश में बिज़नेस शुरू करने से पहले एक बार मार्केट को जाकर देखिये, कॉम्पीटीशन कितना है पता चलता है। साथ में अपनी असली औकात भी समझ में आता है। हवा में निर्णय मत लो। रियालिटी को समझने की कोशिश करों। हड़बड़ी में अपने खुद के पैरों पर पत्थर मत खींचो। मोटिवेशनल वीडियोस से और मोटिवेशनल माफिया से थोड़ा सतर्क रहों। All the best and Thanks you…
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