उर्वशी का जन्म: एक पौराणिक कहानी – Birth Story of Urvashi in Hindi

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                        नर और नारायण हिमालय के बद्रीनाथ मंदिर में हजारों सालों से ध्यान में बैठे थे। नर का अर्थ है अर्जुन और नारायण भगवान कृष्ण हैं। नर और नारायण के कठिन तपस्या से देवताओं का राजा देवेंद्र नाराज हो गए । क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि नर और नारायण कठोर तपस्या करें और अधिक दैवीय शक्तियां प्राप्त करें। इस कारण से उन्होंने उनके तपस्या को बाधित करने के लिए अपनी सभा का अप्सरा रंभा और मेनका को उनके पास भेज दिया। उन्होंने उनके साथ कई अप्सराओं को भी भेज दिए।

उर्वशी का जन्म: एक पौराणिक कहानी - Birth Story of Urvashi in Hindi

                        देवेंद्र बहुत विश्वास के साथ मानने लगे की बहुत सारे अप्सराओं को एक साथ देखने के बाद नर और नारायण अपना कठिन तपस्या को छोड़ देंगे। क्योंकि उनको रंभा और मेनका का सौंदर्य पर बहुत ही गर्व था। नर और नारायण विचलित नहीं हुए, भले ही रम्भा और मेनका जैसे कई सुंदर अप्सराएँ उनके सामने नाच रही थे। तब रंभा और मेनका साथ में नर और नारायण को गर्व से कहा की “देवेंद्र ने हमें आपको स्वीकार करने के लिए दान दिया है। आप हमें जरूर स्वीकार करें। अप्सराएँ मानती थी की वे दुनिया के बहुत ही खूबसूरत स्त्रियाँ है। इसलिए वे गर्व से बातें की।

उर्वशी का जन्म: एक पौराणिक कहानी - Birth Story of Urvashi in Hindi

                  अप्सराओं का अहंकार को तोड़ने के लिए नारायण ने एक फूल लिया और उसे अपनी जांघ में दुर्घटनाग्रस्त कर दिया। फिर उसकी जांघ से एक सुंदर कुंवरी पैदा हुई। वह रंभा और मेनका से बहुत ही सुंदर थी। उसकी सुंदरता को देखकर अप्सराएं शर्मिंदा होकर अपनी गर्दन झुका के खड़ी रही। तब नारायण ने रंभा और मेनका को महसूस करवाया कि “शारीरिक सौंदर्य शाश्वत नहीं है”। नारायण ने उस खूबसूरत कुवारी को उर्वशी नाम दिया क्योंकि वो नारायण के जांघ भाग से पैदा हुई थी। इसके बाद उन्होंने उर्वशी को एक उपहार के रूप में अप्सराओं  के साथ देवेंद्र के पास भेज दिया।

उर्वशी का जन्म: एक पौराणिक कहानी - Birth Story of Urvashi in Hindi

                  अप्सराओं का सुंदरता से विचलित हुए बिना, नर और नारायण दोनों ने सफलतापूर्वक अपनी तपस्या को पूरा किया और अधिक दिव्य शक्तियों के साथ और भी अधिक शक्तिशाली बन गए। देवेंद्र अपनी असफलता के कारण निराशा में थे। लेकिन जब उन्होंने अप्सराओं के साथ उर्वशी को देखा उनकी निराशा अचानक गायब हो गई । देवेंद्र के आदेश के अनुसार उर्वशी उनके दरबार की प्रमुख नर्तकी बन गई। उन्होंने इतने सारे देवताओं का मनोरंजन किया और देवेंद्र के दरबार की प्रसिद्ध अप्सरा बन गई…

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Director Satishkumar

Satishkumar is a young multi language writer (English, Hindi, Marathi and Kannada), Motivational Speaker, Entrepreneur and independent filmmaker from India. And also he is the Co-founder and CEO of Roaring Creations Pvt Ltd India. Follow Me On : Facebook | Instagram | YouTube | Twitter My Books : Kannada Books | Hindi Books | English Books